भारतीय संविधान का महत्वपूर्ण उत्सव, गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस |
वर्ष 2024 में भारत का 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है, भारतीय संविधान के रचियता डाॅ. भीमराव अम्बेडकर हैं। गणतंत्र दिवस, हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है, भारत के संविधान के संस्थापन की स्मृति में। यह दिन राष्ट्रीय एकता और संविधान के महत्वपूर्णता को साकार करने का अवसर होता है। राष्ट्रपति राजपथ पर तिरंगा फहराते हैं और समस्त देशवासियों को एक साथ आने का आमंत्रण देते हैं। 26 जनवरी की तिथि को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। गणतंत्र दिवस का महत्व इस बात में है कि इस दिन हमारा संविधान लागू हुआ था और भारत गणराज्य घोषित हुआ था। संविधान ने समाज में न्याय, समानता, और भ्रांतियों के खिलाफ लड़ाई की मंशा को उजागर किया है। गणतंत्र दिवस का संदेश है कि हमें अपने देश के संविधान का समर्थन करना चाहिए और इसका पालन-पोषण करना चाहिए। यह हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठा रखनी चाहिए और समर्पित नागरिक बनना चाहिए।
“गणतंत्र दिवस”
प्रारूप समिति ने और उसमें विशेष रूप से डॉ. आंबेडकर जी ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया, इसलिए 26 नवंबर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय राष्ट्र ध्वज को फहराया जाता हैं और इसके बाद सामूहिक रूप में खड़े होकर राष्ट्रगान गाया जाता है। फिर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को सलामी दी जाती है। हर साल राजपथ पर एक भव्य परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन (राष्ट्रपति के निवास) तक राजधानी नई दिल्ली में आयोजित की जाती है। इस भव्य परेड में भारतीय सेना के विभिन्न रेजिमेंट, वायुसेना, नौसेना आदि सभी भाग लेते हैं।प्रधानमंत्री राजपथ के एक छोर पर इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति पर पुष्प माला अर्पित करते हैं। इसके बाद शहीद सैनिकों की स्मृति में दो मिनट मौन रखा जाता है।